उसे हाथ लगाने के लिए
आर्यन 36
उसे हाथ लगाने के लिए
आर्यन वहां पहुंचता है जहां रणविजय ने बुलाया था वो उसे बताता है की रियासत उसके नाम है रणविजय उसे बताता है की वो जब तक मार खाएगा तब तक जीनी की इज्जत बची रहेगी एक आदमी ने जीनी की साड़ी का पल्लू पकड़ा होता है .......
अब आगे
आर्यन उस आदमी के हाथ देख रहा था जिसने उसकी जीनी के साड़ी का पल्लू पकड़ा हुआ था, आर्यन उस आदमी को देखते हुए कहता है "तेरे इन हाथों को मैने काटा नहीं, तो वो मेरी मोहब्बत नहीं"
रणविजय उसे एक घुसा मरता है, लेकिन आर्यन की नज़र सिर्फ जीनी पर थी और जीनी की नजर उसपर, रणविजय उसे एक और घुसा मरता है, आर्यन के होंठ कट जाते हैं ,जिनसे खून आने लगता है जीनी के चहरे पर दर्द साफ था,लेकिन वो कुछ बोल नहीं रही थी शायद उसे भरोसा था अपनी मोहब्बत , अपने पति पर!
जब रणविजय को तसल्ली हो जाति है की आर्यन कुछ नहीं करेगा, वो उसके हाथ पैर खोल देता है, और अपने कुछ लोगो को उसे मारने के लिए कहता है
लेकिन आर्यन की नज़रें जीनी पर से हट नहीं रही थी, रणविजय के आदमी उसे मारने लगते हैं, आर्यन चुप चाप मार खा रहा था,
उसका पूरा चेहरा खून से लाल हो गया था, जीनी अपनी आंखे बंद कर लेती है और खुद से ही कहती है "भगवान उन्हें इस तरह मजबूर देखने से अच्छा तो मौत आ जाए"
उसकी आंखो से आंसू की लकीर खींच जाति है, रणविजय उस आदमी को देख कहता है "ले जाओ उसे, वो तुम्हारी हुई"
लेकिन वो अपनी बात पूरी कर पाता, या कोई कुछ समझ पाता की अचानक से आर्यन अपनी कमर में रखी हुई गन निकालता है, और बड़ी ही फुर्ती से उस आदमी के हाथ पर शूट करता है, और रणविजय को पकड़ लेता है,
उसने ये सब इतनी जल्दी किया था की कोई कुछ समझ ही नहीं पाता आर्यन उसे प्वाइंट करते हुए कहता है "गलती कर दी साले साहब, मेरी ताकत को मेरी कमज़ोरी समझने की"
रणविजय अपने दांत पीसते हुए कहता है "ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो"
आर्यन को बहुत चोटें लगी थी, लेकिन वो जानता था, जीनी के लिए उसे लड़ना होगा, वो एक गहरी सांस लेता है , फिर जीनी को देखते हुए कहते है
"गलत सही का फैसला तो हो ही जायेगा, पहले इन सालों से कहो अपनी बहन को खोल दें, वरना मेरी खोपड़ी घूमी तो मैं लिहाज नहीं करूंगा की तुम मेरे साले साहब हो"
रणविजय उन्हे जीनी को खोलने के लिए कहता है, उसका आदमी जीनी को खोलने लगता है आर्यन जीनी को ही देख रहा था, इस बात का फायदा उठाकर रणधीर उसपर रॉड से अटैक कर देता है, लेकिन आर्यन पलट कर उसे अपने उल्टे हाथ से एक घुसा मारता है, जिससे रणधीर सीधा जमीन पर गिरता है
आर्यन उसके हाथों पर अपने जूते के पीछे के हिस्से से मसलते हुए कहता है "तुम्हें तो पूरी इज्जत दूंगा ससुर सा थोड़ा सब्र रख लो"
जीनी की रस्सी खुल गई थी, वो वहीं खड़ी होकर आर्यन को देख रही थी, आर्यन उसे अपने पास आने का इशारा करता है, जीनी उसके पास आती है आर्यन का पूरा चेहरा , खून से लाल हो गया था, उसे ऐसे देख जीनी की आंखे नम हो जाती हैं....
आर्यन जीनी को देखता है, तो उसका एक तरफ का चहरा सूझ गया था,आर्यन खुद से ही कहता है "क्या इन लोगों ने इस पर हाथ उठाया है?"
आर्यन जीनी को ध्यान से देखते हुए कहता है "तुम्हें किसने हाथ लगाया है" जीनी अपनी नज़रें झुका लेती है , आर्यन इस बार गुस्से में कहता है "मैंने पूछा तुम्हें किसने हाथ लगाया है"
इस बार वो रणिविजय की तरफ इशारा कर देती है, आर्यन उसकी हाथों के गन देता है, और उसकी आंखो में देखते हुए कहता है "जो भी अपनी जगह से हिलने की कोशिश करे, उसे शूट कर देना, बाद में मैं सब संभाल लूंगा"
जीनी अपनी नम आंखों से उसे देखने लगती है , उसकी आंखो में डर साफ दिख रहा था, आर्यन उसकी आंखो में देखते हुए कहता है "मेरी बात ध्यान से सुनो, अगर...किसी...ने .....भी जगह से हिलने की कोशिश की तो उसे शूट कर देना समझी तुम"
जीनी रोते हुए कहती है "आपको बहुत चोट लगी है" आर्यन कुछ पल खामोश रहता है, फिर उसकी आंखों में देखते हुए कहता है "फिकर मत करो मारूंगा नहीं "
जितना कहा है उतना करना ठीक है, जीनी हां में सर हिला देती है उन दोनो को बात करते देख रणविजय मौका देख उसपर अपनी गन प्वाइंट कर देता है , वो कुछ करता उससे पहले ही आर्यन झटके से पलट कर उसे एक लात मारता है जिससे गन उसके हाथ से गिर जाती है , आर्यन उसे एक घुसा मारता है , और उसका कॉलर पकड़ के अपने पास करते हुए कहता है "इतनी भी क्या जल्दी है साले साहब, अभी तो आपने जो उसे घाव दिए हैं उसका हिसाब भी तो लेना है"
इतना कह आर्यन उसे खींच कर थप्पड़ मारता है , और कहता है "मुझे दिए ज़ख्म के लिए तो मैं तुम्हें माफ भी कर दूं लेकिन तूने उसे हाथ भी कैसे लगाया"
तभी वहां बहुत से कदमों की आवाज़ आने लगती है, रणविजय को लगता है उसके आदमी हैं, जीनी दरवाजे के लगभग पास की खड़ी थी
आर्यन को लगता है जैसे कोई मुसीबत आने वाली है, वो जीनी का हाथ पकड़ अपनी तरफ खींच लेता है, और गन उसके हाथ से ले लेता है, और रणविजय की तरफ प्वाइंट कर देता है,
जीनी को आर्यन ने अपनी बाहों में छिपा रखा था, जीनी उसकी बाहों में एक बच्चे की तरह सिमट गई थी,
सबकी नज़र उस तरफ जाति है तो उधर और कोई नहीं बल्कि नील खड़ा था
नील को वहां देख आर्यन एक हाथ से गन छूट जाती है, और वो जीनी को अपनी बाहों में भरके आंख बंद कर लेता है
तभी नील के पीछे से एक 26/27 साल का आदमी बाहर आता है , उसने काले रंग के कपड़े पहने हुए थे और देखने से वो गुंडा लग रहा था...
वो एक नज़र आर्यन को देखता है, फिर वहां खड़े हर इंसान को, और अपनी गन निकाल कर आर्यन की तरफ बढ़ जाता है,
उसे ऐसा करते देख रणविजय नील को देख खुश होते हुए कहता है "क्या बात है नील, आखिर तुमने हमारी बात मान ही ली हमें तुमसे यही उम्मीद थी"
उसकी बात सुन आर्यन झटके से अपनी आंखे खोलता है, उसकी आंखे गुस्से से लाल थी, वो नील को घूरते हुए कहता है "तुमने मेरे साथ गद्दारी की, तुम इसके लिए यहां आए हो"
नील कुछ पल खामोश रहता है फिर कहता है "माफ कर दीजिए मिस्टर खन्ना लेकिन मैं मजबूर था" आर्यन जीनी का हाथ पकड़ता है,और गन उठा लेता है, तभी रणविजय उसकी गन ले लेता है,और एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है
"तो जीजू सा आप जानना चाहते हैं, ना की नील यहां क्यों है तो सुनिए रात को मैने ही इसे कॉल किया था, और कहा था अगर ये मेरा साथ देता है तो मैं आपकी कम्पनी इसके नाम कर दूंगा, और इसने मेरी बात नहीं मानी तो आपके साथ साथ इसे भी मार दूंगा"
रणविजय उसके गोल गोल घूमते हुए कहता है "और देखो ये आपसे ज्यादा होशियार निकला, और"
रणविजय अभी बोल ही रहा था, की आर्यन हसने लगता है, उसे हस्ता देख सब उसे आश्चर्य से देखने लगते हैं
तभी वो लड़का जिसने ब्लैक ड्रेस पहनी थी जिसका नाम करन था, आगे आता है और रणिविजय के हाथ से गन ले लेता है, और नील आर्यन के पीछे खड़ा होता है और हाथ पीछे बांधते हुए कहता है
"तुम जो भी हो मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता,और तुमने सही कहा आया तो मैं यहां तुम्हारी वजह से ही हूं, बस फर्क इतना है तुम्हारे लिए नहीं आया हूं"
रणविजय उसे घूरते हुए कहता है "मतलब क्या है तुम्हारा?" करन अपनी गन लोड करते हुए कहता है "वो क्या है ना मिस्टर मित्तल, वो तुम्हारी धमकी से डरा नहीं था, वो बस तुम्हें अपने जाल में फसा रहा था, और देखो तुम फस गए"
आर्यन जिसकी नज़र सिर्फ जीनी पर थी, वो रणविजय को घूर कर देखता है , और गुस्से में एक घुसा मरते हुए कहता है "ये उसे हाथ लगाने के लिए"
फिर एक और मारते हुए कहता है "ये उसे बेपर्दा करने के लिए"..
आर्यन लगातार उसे मारे जा रहा था, रणधीर को करन और उसके आदमियों ने पकड़ रखा था.....
क्या करेगा आर्यन रणधीर और रणविजय के साथ?
कहानी बस खत्म होने वाली है, ये सैकेंड लास्ट एपिसोड आप कह सकते हैं, कहानी आपको कैसी लगी ये मुझे जरूर बताएं, और क्या सैकेंड पार्ट आप चाहते हैं, ये भी राय दें मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए टाटा
वानी
Abhilasha Deshpande
04-Jul-2023 07:39 PM
Amazing
Reply
Babita patel
04-Jul-2023 07:20 PM
Nice
Reply
अदिति झा
20-Jun-2023 06:04 PM
Nice one
Reply